छ्त्तीसगढ़ छोटा राज्य सही मगर देश के सांस्कृतिक परिदृश्य में, हर जगह यहां की चर्चा है. इस माह 13 से 20 नवंबर तक मुक्तिबोध समारोह इप्टा रायपुर आयोजित कर रही है. देश भर के ख्यातिप्राप्त नाट्यकार इसमें अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इप्टा रायपुर का यह आयोजन आज अपने 13 वें वर्ष मे पहंचकर देश के सबसे प्रतिष्ठापूर्ण और सुनियोजित कार्यक्रम के तौर पर स्थापित हो चुका है. ज़गदलपुर जैसे छोटे शहर मे सत्यजित भट्टाचार्य और उनके साथी एक महोत्सव आयोजित कर रहें है. 13 से 15 नवंबर तक होने वाले समारोह मे देश भर के नाट्य अपनी प्रस्तुतियां देंगे. यह महोत्सव कैसे भगीरथ प्रयासों से होता है, यह जानने के लिये आप इस समारोह मे सशरीर उपस्थित हों तो बेहतर होगा.
रंगकर्म करना आज की परिस्थितियों मे एक अत्यंत कठिन कार्य हो गया है, ऐसे मे इसे प्रोत्साहित करने वाले तमाम लोग तारीफ के काबिल हैं.
मेरा तमाम ब्लागर साथियों से आग्रह है, वे इन कार्यक्रमों को और अधिक प्रचारित प्रसारित करने में अपना योगदान दें. हम सारे ब्लागर साथी कला की किसी ना किसी विधा से जुड़ें हैं और ब्लाग जैसे अनूठे माध्यम का उपयोग हम अपनी विधाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने मे करें, तो यह भी कला की सेवा ही होगी.
4 टिप्पणियां:
टी.वी. के उबाऊ और अश्लील धारावाहिकॉ को देखने से बेहतर है प्रस्तुति और विषयवस्तु की नवीनता लिये हुए नातक देखे जायें । यह हमारी प्राचीन विधा है । और नाटक न केवल मनोरंजन करते है बल्कि हमे बौद्धिक खुरक भी प्रदान करते हैं । यह प्रसन्नता की बात है कि लोक और रंग से भरपूर छत्तीसगढ़ मे रंगकर्म को नया आयाम मिल रहा है । शुभकामनाये ।
आशा है अन्य नाट्य समूहों की गतिविधि की सूचनाऍ भी मिला करेंगी और यह ब्लॉग समूचे रंगजगत का प्रतिनिधि होगा ।
jee.main aapke saath hoon
आपको व रंगमंच के आपके सभी साथियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं !
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