रविवार, 20 सितंबर 2015

पेस्ट या फॉरवर्ड

चुराया हुआ ज्ञान

चुराए हुए शब्द

चुराया हुआ कथ्य

चुराई हुई सम्वेदनाये

चुराए हुए विचार

चुराई हुई भावुकता

सब कुछ सेलेक्ट आल, कॉपी, पेस्ट, या फिर सीधे फॉरवर्ड

सिर्फ साबित करने की होड़, क्या..?

नहीं मालूम

याद नहीं कब-कब, किसे-किसे, क्या-क्या,

पेस्ट-फॉरवर्ड

6/6 की पूरी खुली आँखों से अंधे रास्तो का सफ़र करते

चल पड़ी है ये पूरी पीढ़ी

हथेलिओं में रखे टच स्क्रीन दिमाग को

उंगलिओं से टटोलते

नष्ट हो जाने को

शायद ये एक नयी तरह का

औशचविज़ है.

-   
              -   बालकृष्ण अय्यर